The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
Blog Article
दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
अगर आपको यह Shiv chaisa चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।
शिव भजन